Skip to main content

मेरे अपने दो शब्द : Abhishek Mishra "AK_SATYA"

        मेरे अपने दो शब्द : Abhishek Mishra "AK_SATYA"


   लेखक 

 

ABHISHEK KUMAR MISHRA 

LL.B HONS. (P.)
UNIVERSITY OF LUCKNOW
Gen. Secratary  SATYA LEGAL UPDATES 
  प्रदेश संगठन मंत्री  
 डॉ कलाम शिक्षा एवं सेवा संस्थान उत्तर प्रदेश
Mob. +91-9918233378
Email- 1. aksatya10081996@gmail.com
            2. aksatya10081196@reddifmail.com

   follow on twitter :  @aksatya10081991
SNo.
Title (लेख का विषय)
Date
1.
Dr. B R Ambedkar (14 April 1891 - 6 December 1956) : संविधान निर्माता डॉ भीमराव अम्बेडकर जी के सपनों के भारत निर्माण में आज आपकी भागीदारी को समर्पित मेरा प्रयास


2.

सेना से कश्मीरियों का दुर्व्यवहार : एक चुनौती उस 56 इंची सीने को........... || misbehaviour with Indian armed forces in kashmir || 

 April 16, 2017
 
3.

किसान : बस फिल्मों और प्रेमचंद्र जी की कहानियों में जिन्दा है......


June 07, 2017
4.


5.


6.


7.


8.


9.


10.


11.


12.


13.


14.


15.


16.


17.


18.


19.




 

_________________________________________________________________
TAG : mere apne do shabd by Abhishek Mishra AK SATYA, 
Articles of Abhishek Mishra (AKSARTYA)
_________________________________________________________________

Comments

Popular posts from this blog

Dr. B R Ambedkar (14 April 1891 - 6 December 1956) : संविधान निर्माता डॉ भीमराव अम्बेडकर जी के सपनों के भारत निर्माण में आज आपकी भागीदारी को समर्पित मेरा प्रयास

संविधान निर्माता डॉ भीमराव अम्बेडकर जी के सपनों के भारत निर्माण में आज आपकी भागीदारी को समर्पित मेरा प्रयास .....................                                Dr. B.R. Ambedkar (14 April 1891 - 6 December 1956) :  The father of mordern India           संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर जी के जन्मदिवस (14 अप्रैल ) पर समर्पित मेरा यह लेख उनके स्वर्णिम सपनों और लक्ष्यों के साथ भारत के समाजवादी पंथनिरपेक्ष प्रजातांत्रिक गणराज्य (SOCIALIST SECULAR DEMOCRATIC REPUBLIC) उद्देश्य की प्रतिपूर्ति हेतु प्रयास है। Preamble of the Indian Constitution भारतीय संविधान की प्रस्तावना         समाज में सेक्युलर विचार धारा के व्यक्तियों से कट्टरवादिता में अंधे हो चले स्वकथित बुद्धजीवी लोगों के अमर...

रक्षा बंधन की शाम बहनों के नाम - संस्मरण : Abhishek Mishra

रक्षा बंधन की शाम बहनों के नाम - संस्मरण : Abhishek Mishra Author :   Abhishek Mishra ;   Lucknow 26  August 2018   Follow on :  Facebook   |  Twitter  |   Linkedin Collection of my Raksha Bandhans        **भाई-बहन के अप्रतिम प्यार का प्रतीक रक्षाबंधन का पर्व हर वर्ष सावन के मासांत में एक डोर के साथ भाई की कलाई पर अनगिनत अपेक्षायें बांध जाता है। ईश्वर की रहनुमाई ने मुझे भी दो बहनों से नवाज कर ख़ुशक़िस्मत बना दिया, सो परम्परा अनुसार मेरी भी दिली ख़्वाहिश रहती है कि रक्षा बंधन के विशेष पर्व में बहनों के साथ सरीक होकर उनकी ख़ुशी को बरकार रखें। हर वर्ष की भांति इस बार भी घर जाने की तैयारी में था परन्तु कुछ आर्थिक समस्याओं ने मेरा पांव पकड़ लिया। मुझे बाखूबी मालूम है कि गांव में सबके भाइयों को घर पर देख मेरी बहनें मेरी ग़ैर हाजिरी पर दुबक कर किसी कोने में जरूर रोयेंगी। इस बात की मुझे बेहद ग्लानि है कि उनका प्यार मेरी लाचारी को धिक्करता रहेगा। मेरी बहनों ने मेरी कलाई पर अपने प्यार की डोर बांधते हुए कभी भी कोई बड़...

मेरा वोट मेरी आवाज : My Vote My Voice - Abhishek Mishra

My Vote My Voice Author :   Abhishek Mishra ;   Lucknow 4 May 2019 Follow on :  Facebook   |  Twitter  |   Linkedin  |  What's app    ●●●●शिक्षा अर्जन अथवा जीविकोपार्जन हेतु अपने घरों से दूर शहर या किसी अन्य प्रदेश में रह रहे अधिकांश युवक-युवतियां, छात्र-छात्राएं ........अपने लोकसभा/विधानसभा/स्थानीय निकाय की निर्वाचक नामावली में दर्ज हैं उन्हें मताधिकार भी मिला हुआ है परन्तु चुनाव की घोषणा होते ही उन सब के सम्मुख एक विकट असमंजसता आ खड़ी होती है ।.....वो है मतदान की तिथि........ मतदान की तिथि मालूम पड़ते ही हम सब बाहर रहे रहे लोग गुणा-गणित लगाकर प्रथम दृष्टया हर सम्भव प्रयत्न करते हैं कि येन केन प्रकारेण मतदान वाले दिन घर पहुंच कर मतदान कर आऊं.....परन्तु पेशामन्द लोगों को दफ्तर से अवकाश न मिलना, या शिक्षार्जन में लगे छात्र छात्राओं की परीक्षा एवं क्लासेज छूट जाने का भय ..........ऐसी तमाम अटकलें होती हैं जिनसे हम सब अपने गांव-घर जाकर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सही सरकार और अच्छा प्रतिनिधि नही चुन पाते हैं। मतदात...

Abhishek Mishra "SATYA" (aksatya) : कुछ अपनी शेरों शायरी

1.      टूटे हुए इस दिल में थोड़ी आह रहने दो          तुम न सही पर किसी और कि , तो राह रहने दो          हां मालूम है तुम्हे मेरी शकल से नफरत है बहुत.......          पर दिल में तो थोड़ी मेरी चाह रहने दो...........।।                                         - @aksatya100                                         20 August 2017                                                  2. कभी खुशी से खुशी की तरफ नही देखा     तेरे बाद किसी और कि तरफ नही दे...

होकर अधीर हमने कब चाहा, दो क्षण भर तुमको पा लूं मैं : Abhishek Mishra "Satya"

Author :   Abhishek Mishra ;   Lucknow 24 July 2020 Follow on :  Facebook   |  Twitter  |   Linkedin  |  What's app होकर अधीर हमने कब चाहा, दो क्षण भर तुमको पा लूं मैं। जिस्मों पर कर अंकित निशान कब चाहा तुमको हथिया लूं मैं। मैं सदा सत्य के साथ रहा, हर क्षण अपने नैतिक पैमाने में दो क्षमा दान इस मानव को, जो पतित हुआ तुमको समझाने में।। जीवन में उन्नति के खातिर, कुछ मन्त्र तुन्हें सिखलाया है। नैतिकता से हासिल कर लो सबकुछ ऐसा सदमार्ग दिखाया है। पर तुमको लाज नही आयी हमपर रोष दिखाने में..... दो क्षमा दान इस मानव को, जो पतित हुआ तुमको समझाने में।। Abhishek Mishra LL.B Hons.(P.), Lucknow University