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Showing posts from September, 2018

लटक गया है जो विकास तुम्हारी फाइलों के जाल में : Abhishek Mishra "SATYA"

BJP का दलित भोज  Author :   Abhishek Mishra ;   Lucknow 23 Sept.  2018   Follow on :  Facebook   |  Twitter  |   Linkedin सुर्खियों में छा रहे दलाल आजकल पता करो हाल में चुनाव तो नही? ---------------------------------------- प्रिय अवधवासिओं, ●●●चुनाव नज़दीक आ रहा है, आपका वोट लेकर पांच साल तक ईद का चांद हो चले सांसद जी जल्द आपके द्वार पहुंच सकते हैं। आपकी पीड़ा आपकी समस्या पूंछेंगे हो सकता है आपके पांव भी पकड़ लें, हो सकता आपकी समस्या देख सांसद जी का हृदय विलख उठे और आपको दो चार हजार मदद भी नकद कर दें पर पहरुए सावधान रहना। पिछले चुनावों में आपका वोट लेकर गायब हो चले सांसद जी आजकल सड़कें खोद रहे, तारकोल सूंघ रहे, विधायक जी भी आजकल मोरंग और बालू छान रहे पर पहरुए सावधान रहना। तुम्हारे वोटों की अहमियत ने तुम्हें फिर से दो दिन का देवता बना दिया है, हो सकता है दो चार नेता प्रवास कार्यक्रम के तहत आपके घर रात बिताने भी आ जाएं, वैसे तो दलितों के घर खाने का Trend चल रहा इसलिए सांसद जी आपकी ग्रामसभा में किसी दलितबन्धु के घर ही खाय...

री सावन तेरी तुनक मिज़ाजगी से आजिज़ आ गए हैं हम : Abhishek Mishra "Satya"

Author :   Abhishek Mishra ;   Lucknow  8 Sept  2018   Follow on :  Facebook   |  Twitter  |   Linkedin री सावन तेरी तुनक मिज़ाजगी से आजिज़ आ गए हैं हम......... ●●●●●शाम को जैसे ही हमारी कोचिंग का वख्त होता है साहब अपनी तुनक मिज़ाजगी से मुंह लटका लेते हैं। गुस्से में ख़ुसूर-फ़ूसुर, थोड़ी बहुत बादलों की रुलाई तो आम बात है, पर घर से क़दम निकालते ही साहब का पूरा कहर बरपने लगता है। अब हम भी ठहरे किसान के बेटे सो इन बारिश की टपटपाती बूंदों की इतनी मजाल कहां जो वो हमारे हौंसलों को भिगा सकें, मन में ढाढस बांधकर निकलते ही सड़क पर चौपहिया वाहन धारकों का कहर बारिश की तुनक मिजाज में चार चांद जोड़ देता है। ऊपर से बादलों की नाराज़गी और बगल से गुजरते कारों की झन्नाटेदार छप्पछैय्या मौसम की बेरुखी को संजीदा बना देती है। कभी कभी कारों से उड़ते छर-पर्र से आजिज़ कर मन करता है काले शीशों के बीच सारी नैतिकता खो चुके दो चार साहबजादों को पकड़कर पूछ ही लूं.........आपकी गाड़ी आपकी सड़क होने का यह मतलब तो नही कि बेवज़ह बेमौसम होली मनाते चलो?? फिर ...