![]() |
BJP का दलित भोज |
Author : Abhishek Mishra ; Lucknow 23 Sept. 2018
सुर्खियों में छा रहे दलाल आजकल
पता करो हाल में चुनाव तो नही?
----------------------------------------
प्रिय अवधवासिओं,
●●●चुनाव नज़दीक आ रहा है, आपका वोट लेकर पांच साल तक ईद का चांद हो चले सांसद जी जल्द आपके द्वार पहुंच सकते हैं। आपकी पीड़ा आपकी समस्या पूंछेंगे हो सकता है आपके पांव भी पकड़ लें, हो सकता आपकी समस्या देख सांसद जी का हृदय विलख उठे और आपको दो चार हजार मदद भी नकद कर दें पर पहरुए सावधान रहना।
पिछले चुनावों में आपका वोट लेकर गायब हो चले सांसद जी आजकल सड़कें खोद रहे, तारकोल सूंघ रहे, विधायक जी भी आजकल मोरंग और बालू छान रहे पर पहरुए सावधान रहना। तुम्हारे वोटों की अहमियत ने तुम्हें फिर से दो दिन का देवता बना दिया है, हो सकता है दो चार नेता प्रवास कार्यक्रम के तहत आपके घर रात बिताने भी आ जाएं, वैसे तो दलितों के घर खाने का Trend चल रहा इसलिए सांसद जी आपकी ग्रामसभा में किसी दलितबन्धु के घर ही खायेंगे परन्तु अगर गलती से अगर आपके घर खाने बैठ जाएं तो उन्हें अदम गोंडवी जी की लोरी जरूर सुनाना -
तुमारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है
मगर ये आंकड़े झूठे और दावा किताबी है।
उधर जम्हूरियत का ढोल पीटे जा रहे हो तुम
इधर जुम्मन के घरमें आज भी फूटी रकाबी है।।
वैसे तो प्रवासीजन आपको विकास की तमाम गाथाएं सुनाएंगे पर आप अपने अगले बगल के गांवों की हालात याद करके उनसे पूंछना -
लटक गया विकास जो,
तुम्हारी फाइलों के जाल में
पहुंचेगा हमारे गांव तक,
अब और कितने साल में?
अगर आपकी ये दो लोरियां सुनकर आपके सांसद जी या उनके चेले-चपाटे चुप हो जाएं तो समझ लेना दाल में कुछ नही बल्कि पूरी दाल ही काली है।
यकीन मानिये आपकी दोनों लोरियां सुनकर सांसद जी और उनके चेले चपाटे फफक कर रो पड़ेंगे और कहेंगे
बड़कऊ अबकी सांसद जी का जिताय दियव पहिला बजट औतय तहार गांव क्यूटो बन जाई। नेता जी जो भी बोलें प्यार से-शिष्टाचार से सुन लेना पर मतदान करते वख्त पहरुए सावधान रहना।
Abhishek Mishra
LL.B Hons.(P.),
Lucknow University
#Yours'Commemt @aksatya100
Comments
Post a Comment