रक्षा बंधन की शाम बहनों के नाम - संस्मरण : Abhishek Mishra Author : Abhishek Mishra ; Lucknow 26 August 2018 Follow on : Facebook | Twitter | Linkedin Collection of my Raksha Bandhans **भाई-बहन के अप्रतिम प्यार का प्रतीक रक्षाबंधन का पर्व हर वर्ष सावन के मासांत में एक डोर के साथ भाई की कलाई पर अनगिनत अपेक्षायें बांध जाता है। ईश्वर की रहनुमाई ने मुझे भी दो बहनों से नवाज कर ख़ुशक़िस्मत बना दिया, सो परम्परा अनुसार मेरी भी दिली ख़्वाहिश रहती है कि रक्षा बंधन के विशेष पर्व में बहनों के साथ सरीक होकर उनकी ख़ुशी को बरकार रखें। हर वर्ष की भांति इस बार भी घर जाने की तैयारी में था परन्तु कुछ आर्थिक समस्याओं ने मेरा पांव पकड़ लिया। मुझे बाखूबी मालूम है कि गांव में सबके भाइयों को घर पर देख मेरी बहनें मेरी ग़ैर हाजिरी पर दुबक कर किसी कोने में जरूर रोयेंगी। इस बात की मुझे बेहद ग्लानि है कि उनका प्यार मेरी लाचारी को धिक्करता रहेगा। मेरी बहनों ने मेरी कलाई पर अपने प्यार की डोर बांधते हुए कभी भी कोई बड़...
What is Love......?❤ Author : Abhishek Mishra ; Lucknow 27 July 2020 Follow on : Facebook | Twitter | Linkedin | What's app ______________________________________________ एक दिन किसी ने मुझसे पूछा था प्यार क्या है..? उस समय ये शब्द मेरे लिए बिल्कुल नया सा था, इससे पहले न तो मुझे कभी हुआ था और न कोई अनुभव था। किन्तु आज अपने अनुभव और प्रयोग से इस निष्कर्ष तक पहुंचा हूँ कि; "मेरे व्यक्तिगत नजरिये में प्यार वासना नहीं बल्कि लोभ-स्वार्थ अपेक्षा, सन्देह एवं खोने पाने के भय से मुक्त एक उपासना है......." एक ऐसे ईश्वर की उपासना जो कई बार आपको निराश करेगा, वह बहुत कुछ आपकी अपेक्षाओं/चाहतों के अनुरूप नहीं कर पायेगा, किन्तु उसमें आपकी अटूट आस्था सदैव बरकरार रहनी चाहिए। वो आपको रोकेगा टोकेगा नहीं, आपकी स्वतंत्रता में हस्तक्षेप भी नही करेगा और न ही प्रत्येक क्षण आपकी तफ़सीस (Inquiry) कर पायेगा किन्तु यदि आपकी भक्ति अर्थात प्रेम सच्चा हुआ तो कोई भी अनुचित कदम उठाने का विचार मन में आते ही आपको लगेगा क...