#विशेष : कलम आज उनकी जय बोल! ..... Covid19 की इस महमारी के दौरान मानव-प्राणी सेवा में लगे कुछ हाथ - Abhishek Mishra "Satya"
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Adarsh Kumar from Lucknow on its way to deliver food, ration and basic amenities to poor and needy during #Covid19 Pandemic |
Author : Abhishek Mishra ; Lucknow 06 May 2020
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●●●आप हैं हमारे विधि सहपाठी आदर्श कुमार भाई.!.........बड़े ही सरल सहज स्वभाव के मिलनसार मृदुभाषी भविष्य में विधि व्यवसायी जगत के बड़े नाम........ऐसा कहने का मेरे पास पर्याप्त कारण भी है जो सिर्फ हमारे और आदर्श भाई के बीच गोपनीय रहेगा.......!
देश का शायद ही ऐसा कोई विधि संस्थान शेष हो जहां किसी गोष्ठी /संगोष्ठी-सेमिनार में आदर्श भाई ने शिरक़त न की हो .....यही नही विदेश के भी तमाम कार्यक्रमों में भी भाई अपनी आमद दर्ज करा चुके हैं...उन सब की सूची उपलब्ध करा पाना आसमां के तारे गिनने सरीखा होगा.........
खैर इन सब से परे आदर्श भाई की जिस हालिया उपलब्धि को मैं आप सबके समक्ष प्रस्तुत करने से स्वयं को न रोक सका वो है मानवता के प्रति इनका निःस्वार्थ सेवा भाव एवं हर जीव जंतु प्राणी के प्रति इनकी हमदर्दी व करुणा भाव............इसी की एक नजीर जो इन्होंने ने इस कोरोना महामारी के दौरान प्रस्तुत की उसे शब्दों में पिरो पाने हेतु मैं स्वयं को निःशब्द पा रहा हूँ यद्यपि उसकी कुछ छवियां आप सब के हवाले कर रहा।
#JantaCurfew के बाद 24 मॉर्च को #Covid19 के मद्देनजर घोषित #Lockdown से ही आदर्श भाई निरन्तर सेवाकार्य में पूरी तन्मयता से तल्लीन है हर रोज सैकड़ों पैकेट भोजन चाय पानी बिस्कुट, घर घर राशन/आवश्यक वस्तु वितरण के साथ साथ दवाई- सैनेटरी पैड वितरण जैसी जो अकल्पनीय सेवा इन्होंने बिना थके बिना रुके 40-40 किलोमीटर तक जा जाकर की है, वह अपने आप में ही अनुपम है। बन्दर, इंसान बच्चे महिलायें बूढ़े नौजवान शायद ही इनकी दृष्टि से कोई छूटा हो......इनके प्रयासों का कारवां 24अप्रैल से आज 5 मई तक अनवरत जारी है, #Lockdown2.0 हो या #Lockdown3.0 ये और इनकी टीम आज भी उसी शिद्दत से तत्पर हैं.........
Delivering Sanitary Pads to needy womens...
Delivering Sanitary Pads to needy womens...
............मैं बैठे बैठे कुछ क्षण को इनमें दौर-ए-आज़ादी के वो स्वयंसेवी क्रांतिवीर देखने लगता हूँ जिन्हें हमने बस किताबों में ही पढ़ा है। अक्सर दोस्तों से या Flatmates के साथ इस महामारी पर चर्चा के दौरान इनका एवं असल राष्ट्रसेवा में लगे इन जैसे तमाम मित्र/परिचितजनों का जिक्र किये बिना चर्चा ही अधूरी प्रतीत होती है।
एक अहम बात का जिक्र करना तो मैं भूल ही गया कि समय की इस मार में तमाम नेता राजनेता अभिनेता भी सामने आए कमोबेश 20-30% अपवादों को छोड़कर सबके अपने अपने स्वार्थ थे, किसी को अगले चुनाव में फिर उतरना था तो किसी को अगली फिल्म हिट करवानी थी , कोई #CSR (CORPORATE SOCIAL RESPONSIBILITY) से बचने की जुगत में था हालांकि वो सब बेहद सक्षम और समृद्धशाली लोग थे किंतु थोड़े ही समय में विलुप्त प्राय से हो गए किन्तु आदर्श भाई और उनकी टीम ने अल्प संसाधनों में जो कर दिखाया है वह विशेषकर मेरी स्मृति तो शायद ही कभी विस्मृत कर पाए..........
दुख है इस बात का कि मैं आपके इस पुनीत यज्ञ में शामिल न हो पाया, प्रतियोगी हूँ भिया!.....अपनी अलग ही दुनिया है MCQs के टारगेट सेट हैं सोने से पहले निपटाना होता है......वैकेंसी की खबर सुनते ही नींद रफूचक्कर हो जाती आई.........आर्थिक तौर पर भी सक्षम बनना है ताकि आने वाले कल में आप जैसे मानवतासेविओं एवं जीव-प्राणी जगत के लिए चिंतित पुण्यात्माओं के सेवा कार्य तनिक कन्धा(अर्थ-श्रम) दे सकूं, आप सबका बोझ हल्का कर सकूं............!😊
किन्तु तकरीबन 40 दिनों हो रही आपकी इस महायज्ञ के सुंगध को भी समाज के समक्ष न रखूं तो अब तक जीवन में अर्जित मेरी एक मात्र पूंजी मेरी लेखनी मुझे आत्मग्लानि के बोध से मुक्त नही होने देती!.......
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