Skip to main content

सेना से कश्मीरियों का दुर्व्यवहार : एक चुनौती उस 56 इंची सीने को........... || misbehaviour with Indian armed forces in kashmir ||

सेना से कश्मीरियों का दुर्व्यवहार : एक चुनौती उस 56 इंची सीने को जिसको जनता ने शायद कश्मीर समस्या से निपटने के वादे पर  ही इतना बड़ा जन समर्थन दिया था।
Author :   Abhishek Mishra ; 16 April 2017 Lucknow
Follow on :   Facebook | Twitter | Linkedin    

Modi ji with nawaaz shareef
    दोस्तों आज हमारे देश की सबसे बड़ी समस्याओं में है कश्मीर में सेना के साथ हो रहा दुर्व्यवहार और कुल भूषण जिसे सिर्फ भारतीय हीने के लिए बहुत कुछ झेलना पड़ रहा है, इन समस्याओं  जिम्मेदार कोई और नही बल्कि सिर्फ और सिर्फ हमारा एक पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान  है
Modi's Silence on Kashmir
  ये समस्याएं प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से कही कही ये एक चुनौती हैं हमारे उस माननीय जी के आत्माभिमान और भारत के स्वाभिमान को जो सर्जिकल स्ट्राइक और नोट बन्दी जैसे फैसले लेकर यह सिद्ध करने पर आमादा हो गये थे की आप लोग अहसास करिये की दिल्ली के सिंहासन पर कोई 56 इंची सीने वाला पुरुष पहली बार बैठा है जो हर निर्णय लेने में समर्थ है महाशय स्वागत है आपके 56 इंची सीने के दावे का पर  कश्मीर में हो रहे सेना के साथ दुर्व्यहार और कुल भूषण के मसले पर आपकी खामोशी सन्देह पैदा कर रही है
 और इतना कुछ होने पर भी आपकी शांति पूर्ण बातचीत से बात को सुलझाने पर और मनाने पर एक लाइन दिमाग में गूंजती रहती है कि -
                                काहे खामोशी कर बैठे हो कश्मीरी नादनो से।
                                पीपल हो छाया मांग रहे हो कीकर के बागानों से ।।
इन मसलों पर आपकी प्रतिक्रिया  सिर्फ आपके सरकार की प्रतिक्रिया नही  है बल्कि परीक्षा है उन 125 करोड़ भारतीय लोगों के आत्माभिमान की जिनके आप नुमाइंदे है और उन्होंने आपको ये जिम्मेदारी सौंपने में शायद कोई कमी भी नही छोड़ी है
यदि हमारी मौजूद सरकार इन मामलो पर अपनी कठोर प्रतिक्रिया लेने में असमर्थ नज़र आती है तो कही कही ये आपकी उस 56 इंची दावे पर और  पड़ोसी मुल्क के साथ उन मैत्रीपूर्ण संबंधो पर सवाल खड़ा कर देती है जब आप 125 करोड़ भारतीयों के नुमाइंदे होकर भी महज 22 या 22  करोड़ आबादी वाले राष्ट्र अध्यक्ष के बिना किसी औपचारिक निमंत्रण पर पहुँचकर इसे अपने मित्रवत संबंधों के मिशाल के तौर पर काबिज करने लगते हैं।
Modi ji in Pakistan

Modi ji with nawaz shareef
   दोस्तों हमारे लिए क़ुरबानी को तैयार अपने सैनिकों के लिए आज हम सब को ऐसी चीज़ों के खिलाफ आवाज उठाने की जरूरत है जब रोज अखबार  ऐसी खबरों से पटे मिलें की कश्मीर में सेना पर पथरबाजी और चुनाव में गये सैनिक और अर्द्धसैनिक बल के जवानों से दुर्व्यवहार तो शायद ही ऐसे कुछ भारतीय होंगे जिनके लहू उफान पर आते हों क्योंकि आप किसी दल की विशेष के हो सकते हैं परंतु सरकार पूरे भारत की है और इस मुल्क की है और सीमा पर हमारी सुरक्षा के लिए गोली खाने और मरने के लिए सर पर कफ़न बांध कर 
 खड़े लोग किसी दल के या सरकार के नही बल्कि हमारे भारत के सपूत हैं

तो आखिर क्यूँ खामोश हैं हम और हमारी सरकार सेना के साथ हो रहे दुर्व्यवहार पर
Sena par kashmir mein pathrav krte log
Pothole on Indian army in kashmir
  
our army facing misbehaviour from kashmiri's

क्यूँ जकड़ रखा है हमारी सेना को कानून के बन्धनों में की देश की रक्षा के लिए जान देने वाले बहादुर अपने ही जान की रक्षा को विवश होकर आपसे उमीदें लगाये बैठे हैं ! क्यूँ नही खोली जाती उनके हाथो की कानूनी जंजीरें............

याद रखिये दोस्तों कि ये सरकार के चेहरे सिर्फ कुछ दिनों की मेहमान हैं और ये सिर्फ और सिर्फ हमारे सैनिक हैं जो हमेशा हमारे लिए मरने को सबसे आगे खड़े होंगे ताकि हम अपने घरों में महफूज हो कर सो सके
इसी के साथ उस 56 इंची सीने के सरकार से अपील है कि ऐसे मसलो पर ख़ामोशी साध कर कम से कम हमारे भारतीय सैनिकों के हौसले को कम करें  और ही देश  में ऐसे हालात पैदा करें की एक परिवार और एक माँ आपने बेटे को सेना में भेजने से डरे
क्यूँकी जनाब सीमा की हिफाजत करने आपको नही जाना है वहाँ पर गर्म तोप की दहानो पर भी जो सीना तन कर खड़ा होगा वो सिर्फ और सिर्फ  हमारे इन भारतीय सैनिकों का होगा की  आपका 56 इंची सीना।
दोस्तों सच्चाई है कि---------
                                 गरम दाहनों की तोपो पर जिनके सीने अड़ जाते हैं।

                                    उनकी गाथा लिखने में नभ भी छोटे पड़ जाते हैं।

kuch is kadar bhakto dwara surgical strike ka mahima mandan
भक्तों द्वारा कुछ इस कदर महिमा मंडान

              सर्जिकल स्ट्राइक पर इस कदर महिमा मंडन करने वाले महानभावों थोड़ा सेना के सम्मान में और उनसे हो रहे दुर्व्यवहार पर सरकार के कानों में अपने  सवाल तो फूंको।
   अंत में आप सभी से बस एक गुजारिश करना चाहते है जब बात हमारे देश और सेना की हो और हमारे लिए जान देने को तैयार बहादुर सैनिकों का सम्मान खतरे में हो तो कृपया इस पर राजनीति करने से अच्छा है कि आप अपने लिए और अपने मुल्क के लिए कम से कम सरकार से चिल्लाइये और सरकार को कठोर फैसले लेने पर मजबूर करने के लिए हर संभव प्रयत्न कीजिये ताकि हमारे सैनिको को ये महसूस हो की हाँ मेरा परिवार जिसके हिफाज़त में हम खड़े है वो भी हमे हर खरोच से बचाने के लिए अपने आप को आगे करने को तैयार है
आपका ये हौसला हमारे  सैनिको को आत्मबल प्रदान करेगा ऐसे हर अराजक तत्वों से सीना तान कर लड़ने में और आपकी ये समर्थन उन्हें उन बर्फीले पहाड़ो पर भी गर्मी देगा आपके सम्मान और हौसले का।

                                              ..........................!!धन्यवाद!!........................
   ____________________________________________________________

                                                                   लेखक 

 

ABHISHEK KUMAR MISHRA 

LL.B HONS. (P.)
UNIVERSITY OF LUCKNOW
Gen. Secratary  SATYA LEGAL UPDATES 
  प्रदेश संगठन मंत्री  
 डॉ कलाम शिक्षा एवं सेवा संस्थान उत्तर प्रदेश
Mob. +91-9918233378
Email- 1. aksatya10081996@gmail.com
            2. aksatya10081196@reddifmail.com

   follow on twitter :  @aksatya10081991



         __________________________________________________________________

Comments

Popular posts from this blog

Dr. B R Ambedkar (14 April 1891 - 6 December 1956) : संविधान निर्माता डॉ भीमराव अम्बेडकर जी के सपनों के भारत निर्माण में आज आपकी भागीदारी को समर्पित मेरा प्रयास

संविधान निर्माता डॉ भीमराव अम्बेडकर जी के सपनों के भारत निर्माण में आज आपकी भागीदारी को समर्पित मेरा प्रयास .....................                                Dr. B.R. Ambedkar (14 April 1891 - 6 December 1956) :  The father of mordern India           संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर जी के जन्मदिवस (14 अप्रैल ) पर समर्पित मेरा यह लेख उनके स्वर्णिम सपनों और लक्ष्यों के साथ भारत के समाजवादी पंथनिरपेक्ष प्रजातांत्रिक गणराज्य (SOCIALIST SECULAR DEMOCRATIC REPUBLIC) उद्देश्य की प्रतिपूर्ति हेतु प्रयास है। Preamble of the Indian Constitution भारतीय संविधान की प्रस्तावना         समाज में सेक्युलर विचार धारा के व्यक्तियों से कट्टरवादिता में अंधे हो चले स्वकथित बुद्धजीवी लोगों के अमर...

रक्षा बंधन की शाम बहनों के नाम - संस्मरण : Abhishek Mishra

रक्षा बंधन की शाम बहनों के नाम - संस्मरण : Abhishek Mishra Author :   Abhishek Mishra ;   Lucknow 26  August 2018   Follow on :  Facebook   |  Twitter  |   Linkedin Collection of my Raksha Bandhans        **भाई-बहन के अप्रतिम प्यार का प्रतीक रक्षाबंधन का पर्व हर वर्ष सावन के मासांत में एक डोर के साथ भाई की कलाई पर अनगिनत अपेक्षायें बांध जाता है। ईश्वर की रहनुमाई ने मुझे भी दो बहनों से नवाज कर ख़ुशक़िस्मत बना दिया, सो परम्परा अनुसार मेरी भी दिली ख़्वाहिश रहती है कि रक्षा बंधन के विशेष पर्व में बहनों के साथ सरीक होकर उनकी ख़ुशी को बरकार रखें। हर वर्ष की भांति इस बार भी घर जाने की तैयारी में था परन्तु कुछ आर्थिक समस्याओं ने मेरा पांव पकड़ लिया। मुझे बाखूबी मालूम है कि गांव में सबके भाइयों को घर पर देख मेरी बहनें मेरी ग़ैर हाजिरी पर दुबक कर किसी कोने में जरूर रोयेंगी। इस बात की मुझे बेहद ग्लानि है कि उनका प्यार मेरी लाचारी को धिक्करता रहेगा। मेरी बहनों ने मेरी कलाई पर अपने प्यार की डोर बांधते हुए कभी भी कोई बड़...

मेरा वोट मेरी आवाज : My Vote My Voice - Abhishek Mishra

My Vote My Voice Author :   Abhishek Mishra ;   Lucknow 4 May 2019 Follow on :  Facebook   |  Twitter  |   Linkedin  |  What's app    ●●●●शिक्षा अर्जन अथवा जीविकोपार्जन हेतु अपने घरों से दूर शहर या किसी अन्य प्रदेश में रह रहे अधिकांश युवक-युवतियां, छात्र-छात्राएं ........अपने लोकसभा/विधानसभा/स्थानीय निकाय की निर्वाचक नामावली में दर्ज हैं उन्हें मताधिकार भी मिला हुआ है परन्तु चुनाव की घोषणा होते ही उन सब के सम्मुख एक विकट असमंजसता आ खड़ी होती है ।.....वो है मतदान की तिथि........ मतदान की तिथि मालूम पड़ते ही हम सब बाहर रहे रहे लोग गुणा-गणित लगाकर प्रथम दृष्टया हर सम्भव प्रयत्न करते हैं कि येन केन प्रकारेण मतदान वाले दिन घर पहुंच कर मतदान कर आऊं.....परन्तु पेशामन्द लोगों को दफ्तर से अवकाश न मिलना, या शिक्षार्जन में लगे छात्र छात्राओं की परीक्षा एवं क्लासेज छूट जाने का भय ..........ऐसी तमाम अटकलें होती हैं जिनसे हम सब अपने गांव-घर जाकर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सही सरकार और अच्छा प्रतिनिधि नही चुन पाते हैं। मतदात...

Abhishek Mishra "SATYA" (aksatya) : कुछ अपनी शेरों शायरी

1.      टूटे हुए इस दिल में थोड़ी आह रहने दो          तुम न सही पर किसी और कि , तो राह रहने दो          हां मालूम है तुम्हे मेरी शकल से नफरत है बहुत.......          पर दिल में तो थोड़ी मेरी चाह रहने दो...........।।                                         - @aksatya100                                         20 August 2017                                                  2. कभी खुशी से खुशी की तरफ नही देखा     तेरे बाद किसी और कि तरफ नही दे...

होकर अधीर हमने कब चाहा, दो क्षण भर तुमको पा लूं मैं : Abhishek Mishra "Satya"

Author :   Abhishek Mishra ;   Lucknow 24 July 2020 Follow on :  Facebook   |  Twitter  |   Linkedin  |  What's app होकर अधीर हमने कब चाहा, दो क्षण भर तुमको पा लूं मैं। जिस्मों पर कर अंकित निशान कब चाहा तुमको हथिया लूं मैं। मैं सदा सत्य के साथ रहा, हर क्षण अपने नैतिक पैमाने में दो क्षमा दान इस मानव को, जो पतित हुआ तुमको समझाने में।। जीवन में उन्नति के खातिर, कुछ मन्त्र तुन्हें सिखलाया है। नैतिकता से हासिल कर लो सबकुछ ऐसा सदमार्ग दिखाया है। पर तुमको लाज नही आयी हमपर रोष दिखाने में..... दो क्षमा दान इस मानव को, जो पतित हुआ तुमको समझाने में।। Abhishek Mishra LL.B Hons.(P.), Lucknow University