कुछ अहसास जो ता-उम्र आंखों को आंसुओं से भिगा देंगे..................
छोड़ दुनिया की वादियां खुद में मगरूर हो गए हम
अपनी कवायद-ए-इश्क से खूब मशहूर हो गए हम
समझते थे खुद को तीस-मारखां जो कभी...
एक मुहब्बत क्या हुई , नशे में रो-रो कर चूर हो गए हम।
@aksatya100
8 March 2018
थाम लेता मैं भी तुमारी बांहों को बेशक,
पर तुमने कभी उंगली दिखाई तो होती होती।
बेशक भर जाते वो घाव कलेजे के मेरे.......
काश बाज़रों में जख्म-ए-दिल की दवाई तो होती।।
@aksatya
14 march 2018
वो मैदान-ए-इश्क में जो शिकस्त हमने खायी थी
आंसू आंखों में छिपा दुनिया किताबों से बसायी थी
दर्द नासूर सा दे जाते हैं, वो मंजर आज भी......
कैसे बताएं कितनी रात हमे नींद नही आयी थी।।
@aksatya
5 April 2018
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