Author : Abhishek Mishra ; Lucknow 18 March 2019
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कब तुमने हमको अपना समझा ......
कब हमने कुछ भी इजहार किया,
इस आशिक़ को हंसते कब देखा
कब तुमने मुझको प्यार दिया ।।
हर बात दफन कर सीने में
घुट घुट कर खुद से रोया हूँ,
पूछो!..आंखों में आंसू लेकर
किस रात चैन से सोया हूँ ।।
कब हमने कुछ भी इजहार किया,
इस आशिक़ को हंसते कब देखा
कब तुमने मुझको प्यार दिया ।।
हर बात दफन कर सीने में
घुट घुट कर खुद से रोया हूँ,
पूछो!..आंखों में आंसू लेकर
किस रात चैन से सोया हूँ ।।
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