Skip to main content

Posts

Showing posts from 2018

रॉफेल पर सरकार की ढोल का पोल : Abhishek Mishra

Author :   Abhishek Mishra ;   Lucknow 19 Dec 2018 Follow on :  Facebook   |  Twitter  |   Linkedin  |  What's app ●●रॉफेल मसले पर भले ही सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का सहारा लेकर बाजी मार ली हो पर हकीकत तो कुछ और ही है। माननीय उच्चतम न्यायालय की साख एवं स्वयत्तता पर प्रश्नचिन्ह.....??......... मेरी पहुंच से परे है। परन्तु जिस प्रकार सरकार ने रॉफेल निर्णय के जरिये जनता को गुमराह करने की पटकथा रची एवं जिस पर प्रकार निर्णय हासिल करने में झूठे तथ्यों का सहारा लिया गया, ये दोनों कारनामे कहीं न कहीं सरकार की स्थिति को संदिग्ध बनाने के लिए काफी हैं। सरकार की ओर से प्रस्तुत तथ्यों की बिनाह पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया की # Rafale विमानों की कीमत केंद्र सरकार द्वारा CAG से साझा की गई जिसे CAG ने  संसद की PAC के समक्ष रखा।                 निर्णय के तुरंत बाद PAC के चेयरमैन श्री मल्लिकार्जुन खाड़गे जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये यह स्पष्ट किया कि इस ...

स्वच्छता और हम ¡........... : Abhishek Mishra "Satya"

Mahatma Gandhi "Sanitation is more important than independence". Author :   Abhishek Mishra ;   Lucknow 26  August 2018   Follow on :  Facebook   |  Twitter  |   Linkedin  | What's app    ●●तकरीबन डेढ़ हफ्तों से हमारे Kitchen में कूड़ों का ढेर लगता चला जा रहा है, एक पन्नी भर गयी तो दूसरी फिर तीसरी और ऐसे न जाने कितनी पन्नियों में मेरे साथ रह रहे दोस्तों ने भावी पीढ़ी की अमानत सहेज रखा है। पॉलिथीन की अनुपलब्धता पर खुले में कूड़ा रख देना या फिर मेरी नसीहत भरी झलल्लाहट को हंसकर झेल जाना, अब इनके स्वाभाविक धर्म में शामिल हो चुका है। इन महाबुद्धजीवियों  से कूड़ा फेंकने की विनती का मतलब है इनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचा देना, और सलाह का सीधा मतलब है खुद को मूर्ख साबित कर लेना। कूड़े की सड़न और दुर्गन्ध मुझसे बर्दाश्त तो नही होती, परन्तु "शठे शाठयम् समाचरेत्" का स्मरण कर अब हम भी पूरी तरह अभ्यस्त हो चुके हैं। एकाध हफ्ते की प्रतीक्षा के बाद जब किसी सज्जन की अंतरात्मा जागृत नही होती तो अंततः हार मानकर मै...

भुखमरी सूचकांक दिखा रहा मोदी जी की कथनी और करनी का फर्क...

 Interacting with BJP workers in Varanasi district on  28 August 2018(Tuesday) Prime Minister Narendra Modi  claimed that five crore poor people had come out of   poverty  in  the four years that the NDA has been in power and that the lives of three lakh children have been secured through the 'Swachh Bharat' campaign. : Economic Times Report               Author :   Abhishek Mishra ;   Lucknow 28 Oct.  2018   Follow on :  Facebook   |  Twitter  |   Linkedin ●●●●आज से एक वर्ष पूर्व, देश में बढ़ रही भुखमरी की ओर आप सबका ध्यान आकर्षित करते हुए एक फेसबुक पोस्ट के जरिये हमने लिखा था कि यदि इस दिशा में पुख्ता इंतजामात न किये गए तो स्थिति बद्द से बद्दतर हो जाएगी। आज परिणाम आपके सामने है, विश्व भुखमरी सूचकांक के 119 देशों की सूची में हमारा मुल्क 103वें पायदान पर है, वर्ष 2016 में 97वें स्थान से गिरकर 2017 में 100वें तक पहुंचे थे और आज 2018 में पुनः तीन कदम पछाड़...

जुमलों की सरकार ||कविता|| : Abhishek Mishra "SATYA"

Hon'ble Prime Minister Narendra Modi Inaugurated Surgical Strike Exhibition and Celebrated it as  Parakarm Parv Author :   Abhishek Mishra ;   Lucknow 1 Oct. 2018   Follow on :  Facebook   |  Twitter  |   Linkedin मेरी नन्ही सी काव्यकृति आप सब की हौसला आफ़ज़ाई की शुभेच्छा लिए आपके समक्ष हाजिर है, इत्मिनान से पढ़ कर शुभाशीष स्वरूप एक #Share जरूर करें.......... ________________________________________ ये वही हैं जिन्होंने 85साल की बुजुर्ग को लाइन में लगाया था, बनारस में खुद को माँ गंगा का बेटा बताया था, नोटबन्दी से काला धन वापस आने की बात कही थी, हर हाथ को काम दिलाने की बात कही थी, झाड़ू उठाया था कचरा हटाने को, आखिर किसने कहा था नोटबन्दी पर जिन्दा जलाने को .. किसने माल्या और नीरव को भगाया, आखिर किसने देश को जुमला सुनाया। मंदिर भुलाकर अब मस्जिद में जाते हो, फिर क्यों धर्म के नाम पर हम सबको लड़ाते हो। PM हो, देश को अमनो-अराम से रहने दो.. मीडिया और विपक्ष को भी अपनी बात कहने दो। क्यों बीबी छोड़ने को देश के लिए त्याग बताते हो क्...

लटक गया है जो विकास तुम्हारी फाइलों के जाल में : Abhishek Mishra "SATYA"

BJP का दलित भोज  Author :   Abhishek Mishra ;   Lucknow 23 Sept.  2018   Follow on :  Facebook   |  Twitter  |   Linkedin सुर्खियों में छा रहे दलाल आजकल पता करो हाल में चुनाव तो नही? ---------------------------------------- प्रिय अवधवासिओं, ●●●चुनाव नज़दीक आ रहा है, आपका वोट लेकर पांच साल तक ईद का चांद हो चले सांसद जी जल्द आपके द्वार पहुंच सकते हैं। आपकी पीड़ा आपकी समस्या पूंछेंगे हो सकता है आपके पांव भी पकड़ लें, हो सकता आपकी समस्या देख सांसद जी का हृदय विलख उठे और आपको दो चार हजार मदद भी नकद कर दें पर पहरुए सावधान रहना। पिछले चुनावों में आपका वोट लेकर गायब हो चले सांसद जी आजकल सड़कें खोद रहे, तारकोल सूंघ रहे, विधायक जी भी आजकल मोरंग और बालू छान रहे पर पहरुए सावधान रहना। तुम्हारे वोटों की अहमियत ने तुम्हें फिर से दो दिन का देवता बना दिया है, हो सकता है दो चार नेता प्रवास कार्यक्रम के तहत आपके घर रात बिताने भी आ जाएं, वैसे तो दलितों के घर खाने का Trend चल रहा इसलिए सांसद जी आपकी ग्रामसभा में किसी दलितबन्धु के घर ही खाय...

री सावन तेरी तुनक मिज़ाजगी से आजिज़ आ गए हैं हम : Abhishek Mishra "Satya"

Author :   Abhishek Mishra ;   Lucknow  8 Sept  2018   Follow on :  Facebook   |  Twitter  |   Linkedin री सावन तेरी तुनक मिज़ाजगी से आजिज़ आ गए हैं हम......... ●●●●●शाम को जैसे ही हमारी कोचिंग का वख्त होता है साहब अपनी तुनक मिज़ाजगी से मुंह लटका लेते हैं। गुस्से में ख़ुसूर-फ़ूसुर, थोड़ी बहुत बादलों की रुलाई तो आम बात है, पर घर से क़दम निकालते ही साहब का पूरा कहर बरपने लगता है। अब हम भी ठहरे किसान के बेटे सो इन बारिश की टपटपाती बूंदों की इतनी मजाल कहां जो वो हमारे हौंसलों को भिगा सकें, मन में ढाढस बांधकर निकलते ही सड़क पर चौपहिया वाहन धारकों का कहर बारिश की तुनक मिजाज में चार चांद जोड़ देता है। ऊपर से बादलों की नाराज़गी और बगल से गुजरते कारों की झन्नाटेदार छप्पछैय्या मौसम की बेरुखी को संजीदा बना देती है। कभी कभी कारों से उड़ते छर-पर्र से आजिज़ कर मन करता है काले शीशों के बीच सारी नैतिकता खो चुके दो चार साहबजादों को पकड़कर पूछ ही लूं.........आपकी गाड़ी आपकी सड़क होने का यह मतलब तो नही कि बेवज़ह बेमौसम होली मनाते चलो?? फिर ...

रक्षा बंधन की शाम बहनों के नाम - संस्मरण : Abhishek Mishra

रक्षा बंधन की शाम बहनों के नाम - संस्मरण : Abhishek Mishra Author :   Abhishek Mishra ;   Lucknow 26  August 2018   Follow on :  Facebook   |  Twitter  |   Linkedin Collection of my Raksha Bandhans        **भाई-बहन के अप्रतिम प्यार का प्रतीक रक्षाबंधन का पर्व हर वर्ष सावन के मासांत में एक डोर के साथ भाई की कलाई पर अनगिनत अपेक्षायें बांध जाता है। ईश्वर की रहनुमाई ने मुझे भी दो बहनों से नवाज कर ख़ुशक़िस्मत बना दिया, सो परम्परा अनुसार मेरी भी दिली ख़्वाहिश रहती है कि रक्षा बंधन के विशेष पर्व में बहनों के साथ सरीक होकर उनकी ख़ुशी को बरकार रखें। हर वर्ष की भांति इस बार भी घर जाने की तैयारी में था परन्तु कुछ आर्थिक समस्याओं ने मेरा पांव पकड़ लिया। मुझे बाखूबी मालूम है कि गांव में सबके भाइयों को घर पर देख मेरी बहनें मेरी ग़ैर हाजिरी पर दुबक कर किसी कोने में जरूर रोयेंगी। इस बात की मुझे बेहद ग्लानि है कि उनका प्यार मेरी लाचारी को धिक्करता रहेगा। मेरी बहनों ने मेरी कलाई पर अपने प्यार की डोर बांधते हुए कभी भी कोई बड़...

कालेज के दिन-हॉस्टल की बात फिर से दोस्तों के साथ : संस्मरण

कालेज के दिन-हॉस्टल की बात फिर से दोस्तों के साथ : संस्मरण  Memories : Which Passed In Lucknow Author :    Abhishek Mishra ;  1 0 June  2018  Lucknow Follow on :      Email  |  Facebook   |  Twitter   |  Linkedin    Irshad Ansari Naval Soni with me @BBD University Lucknow The Story of celebrations which we made every days with  Ansari Bhai , a senior of me, with whom I shared my room for three years in Lucknow, while I was pursuing my law graduations. We were no blood relations but even more we were attached to each others, today I'm lackadaisical to seeing him off, after all attempts I failed to hide tears comming in my eyes..... मन उदास है, कलेजा फफक-फफक कर रो रहा आंखों में आंसू तो जरूर हैं पर डर लग रहा कहीं छलक न जाएं। वजह कोई खास न होकर भी बहुत खास है, तीन वर्षों तक जिसके साथ रहा, जिसने हमेशा छोटे भाई सा स्नेह दिया  Irshad Ansari  भाई अपनी शिक्षायात्रा पूरी कर नए शहर की ...

चखा इश्क का स्वाद जो हमने.. : Abhishek Mishra "Satya"

चखा था जो कभी, इश्क को इत्तेफाक से हमने चखा था जो कभी, इश्क को इत्तेफाक से हमने छाले आज भी जुबान की फितरत बिगाड़ देते हैं मिले थे सुर्ख शोले शब्द बनकर जो नसीहत में याद आकर वो बेब...

अहसासनामा - Abhishek Mishra "Satya"

कुछ अहसास जो ता-उम्र आंखों को आंसुओं से भिगा देंगे.................. छोड़ दुनिया की वादियां खुद में मगरूर हो गए हम अपनी कवायद-ए-इश्क से खूब मशहूर हो गए हम समझते थे खुद को तीस-मारखां जो कभी... एक ...

इस नवरात्रि पर लें नारी सम्मान का व्रत : Abhishek Mishra "SATYA"

अगर ह्रदय में नारी का सम्मान नही तो फिर नवरात्री में उपवास का क्या औचित्य ?? Author :   Abhishek Mishra ;   Lucknow  19 March 2018   Follow on :  Facebook   |  Twitter  |   Linkedin

मेरा ख्वाब हो तुम : Abhishek Mishra "SATYA"

मेरा ख्वाब हो  तुम .... Author :    Abhishek Mishra ; 15 December 2017  Lucknow Follow on :      Facebook  |  Twitter  |  Linkedin